२६ जुलाई :
रविवारी सप्तमी ( सुबह ९:३३ से २७ जुलाई सूर्योदय तक )
३० जुलाई : पुत्रदा एकादशी (व्रत से मनोवांछित फल की
प्रप्ति )
३ अगस्त : रक्षाबंधन ( इस दिन धारण किया हुआ रक्षासूत्र
सम्पूर्ण रोगों तथा अशुभ कार्यों का विनाशक है | इसे वर्ष में एक बार धारण करने से
मनुष्य वर्षभर रक्षित हो जाता है | - भविष्य पुराण )
११ अगस्त : जन्माष्टमी ( स्मार्त )
१२ अगस्त : जन्माष्टमी (भागवत) (जन्माष्टमी के दिन पूरी
रात जागरण करके ध्यान, जप आदि करना महापुण्यदायी
है | महिमा जानने हेतु पढ़े पृष्ठ १३ ), बुधवारी अष्टमी ( सूर्योदय से दोपहर ११:१७
तक)
१५ अगस्त : अजा एकादशी ( समस्त पापनाशक व्रत, माहात्म्य पढने-सुनने से अश्वमेध यज्ञ का फल )
१६ अगस्त : विष्णुपदी संक्रांति ( पुण्यकाल : दोपहर
१२:४३ से सूर्यास्त ) (ध्यान, जप व पुण्यकर्म का
लाख गुना फल )
ऋषिप्रसाद – जुलाई २०२० से
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